Non npt

परमाणु अप्रसार संधि क्या है जानिए महत्वपूर्ण बातें

Non Proliferation treaty की बात करें तो यह एक तरह से संधि है और इसे short’ form में NPT संधि भी कहते है जो सभी देशो को परमाणु हथियारों में कमी करने के प्रति काम करने के लिए बाध्य करती है और इसमें सदस्य देशो को अपने परमाणु कार्यक्रमों को युद्ध क्षमता में कमी करने के लिए प्रोत्साहित करती है और इस से देशो को अपने सैन्य और असैन्य परमाणु उद्देश्यों में अंतर बनाये रखना होता है | तो चलिए इस बारे में थोड़ी और जानकारी हम प्राप्त करते है कि Treaty on the Non Proliferation of Nuclear Weapons क्या है और यह कैसे काम करती है –

इस संधि के बारे में तब सोचा गया जब दुनिया दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका के जापान पर गिराए गये तो परमाणु बमों से हुए विनाश का परिणाम देख चुकी थी ऐसे में यह जरुरी हो गया था कि कुछ ऐसा किया जाये जिस से सभी देश अपने अपने परमाणु क्षमता को कम करें और उसे असैन्य गतिविधिओं के लिए इस्तेमाल करते हुए कुछ सकारात्क परिणाम प्राप्त करें | ऐसे में 1968 को इसे अमल में लाया गया जिसमे यह कहा गया कि “ चूँकि परमाणु क्षमता में जरुरत से अधिक विस्तार विनाशकारी परिणाम दे सकता है ऐसे में जरुरी है कि इस से जुडी तकनीको और जानकारी को  को एक दायरे में लाया जाये और सैन्य साधनों की अपेक्षा असैन्य गतिविधिओं में इस्तेमाल किया जाये “ और शुरुआत में  केवल पांच देश इसके दायरे में थे जो परमाणु सम्पन्न माने गये थे ये थे –

United States, Russia, the United Kingdom, France, and China

यही देश United Nations Security Council के स्थायी सदस्य भी है लेकिन बाद में धीरे धीरे 191 के करीब देशो में इस संधि में शामिल होने के लिए सहमत हो गये और हस्ताक्षर  भी कर दिए लेकिन चार देश  India, Israel, Pakistan and South Sudan.कभी भी इसमें शामिल नहीं हुए जबकि north korea ने शुरू में इसमें शामिल होने के लिए हस्ताक्षर भी कर दिए जबकि बाद में कभी उसने इस संधि में दी हुई शर्तों का पालन नहीं किया और 2003  में उसने Non proliferation treaty से अपना नाता तोड़ने की घोषणा कर डी |

अगर आप एक बात पर गौर करें तो आप देखेंगे कि चाइना अभी भारत के NSG में शामिल होने के लिए विरोध के मत में है और वह इसी संधि का हवाला देता रहा है कि भारत अगर Non proliferation treaty में शामिल नहीं है तो उसेNSG में भी क्यों शामिल किया जाएँ |

Non proliferation treaty में सभी सदस्य देशो के लिए कुछ शतों का प्रावधान किया गया है कि-

सदस्य देश सभी तरह की परमाणु भण्डार में कोई इजाफा नहीं करेंगे |साथ ही सभी देश परमाणु निशस्त्रीकरण पर भी जोर देंगे |सभी देश अगर किसी Nuclear technology को खोजते है जो भलाई के काम आ सकती है तो उसे साझा करेंगे |इस treaty पर हर पांच साल बाद बैठक होती है और इसमें सभी प्रावधानों पर पुन:विचार किया जाता है |इस संधि में इजरायल शामिल नहीं है और ऐसा इसलिए है क्योंकि उसके परमाणु भंडारों के बारे में पूरी तरह स्पष्टता नहीं है |Nuclear Non-Proliferation TreatyTreaty on the Non-Proliferation of Nuclear Weapons

Participation in the Nuclear Non-Proliferation Treaty

  Recognized nuclear weapon state ratifiers

  Other ratifiers

  Withdrawn (North Korea)

  Unrecognized state, abiding by treaty (Taiwan)

  Recognized nuclear weapon state acceders

  Other acceders or succeeders

  Non-signatory (India, Israel, Pakistan, South Sudan)

Signed1 July 1968LocationNew York, United StatesEffective5 March 1970ConditionRatification by the Soviet Union, the United Kingdom, the United States, and 40 other signatory states.Parties190 (complete list)
non-parties: IndiaIsraelNorth Korea,Pakistan and South SudanDepositaryGovernments of the United States of America, the United Kingdom of Great Britain and Northern Ireland, and the Union of Soviet Socialist RepublicsLanguagesEnglish, Russian, French, Spanish and Chinese
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